Skip to main content

जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव करवाने पर मिलते हैं 1100 रूपय: डॉक्टर प्रकाश दरोच

जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव करवाने पर मिलते हैं 1100 रूपय: डॉक्टर प्रकाश दरोच

11 मई - मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रकाश दरोच ने बताया कि जननी सुरक्षा योजना भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की योजना है। इसका आरंभ 12 अप्रैल 2005 में किया गया था। इसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले महिलाओं को संस्थागत प्रसव करवाने पर सरकारी अस्पताल व चुनिंदा मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में करवाने पर 700 रुपये आर्थिक सहायता दी जाती थी।
उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से बच्चों के जन्म के समय मां और नवजात शिशु मृत्यु दर को रोकना है। जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों की अब सरकार ने वितीय सहायता बढ़ा दी है
जिसका नाम अब जननी सुरक्षा योजना प्लस कर दिया है (यह योजना 20 दिसम्बर 2019 से शुरू की गई है) गर्भवती जो गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार से व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से हो, या प्रवासी महिलाओं सभी को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों व चुनिदा मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में व संस्थागत प्रसव पर 1100 रुपये दिए जाते है। और केवल बी० पी० एल० परिवार से सम्बंध रखने
वाली गर्भवती महिला को घर में प्रसव करवाने का 500 रुपये दिए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि योजना का उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रसव के लिये प्रोत्साहित करना है। जब वे जन्म देने के लिये किसी अस्पताल में पंजीकरण कराते हैं।तो गर्भवती महिलाओं
को प्रसव के लिये भुगतान करने के लिये और एक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये नकद सहायता दी जाती है।

उन्होंने बताया कि जननी सुरक्षा योजना में आशा वर्कर का महत्वपूर्ण किरदार है। आशा कार्यकर्ता ही गर्भवती महिलाओं की पहचान से लेकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की सभी अनौपचारिक पूरी करती हैं। जेएसवाई के तहत लाभों का उपयोग करने के लिये गरीब गर्भवती महिलाओं की मदद हेतु 'आशा' मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की भूमिका अहम् होती है। अपने क्षेत्र में उन गर्भवती महिलाओं की पहचान करना जो इस योजना से लाभ के लिये पात्र है। गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लाभों के बारे में बताना। गर्भवती महिलाओं की पंजीकरण में मदद करना और कम-से-कम 4 प्रसव पूर्व जाँच प्राप्त करना, जिसमें टीडी के इंजेक्शन एवं आयरन फोलिक एसिड की गोलियाँ शामिल हैं। जेएसवाई कार्ड और बैंक खाता सहित आवश्यक प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में गर्भवती महिलाओं की सहायता करना। गर्भवती महिलाओं के लिये अलग-अलग सूक्ष्म जन्म योजना तैयार करना, जिसमें उन निकटवर्ती स्वास्थ्य संस्थाओं की पहचान करना मामिल है जहाँ उनको प्रसव के लिये भेजा जा सकता है। टीबी के खिलाफ बीसीजी टीकाकरण सहित नवजात शिशुओं के लिये टीकाकरण की व्यवस्था करना। प्रसयोत्तर यात्रा के लिये जन्म के 7 दिनों के भीतर महिलाओं से मिलना। परिवार नियोजन को बढ़ावा देना आदि कार्य  शामिल है।

उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि हर गर्भपती अपना प्रसव अस्पतालों में ही करवाए। ये जच्चा बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित है।

Comments

Popular posts from this blog

सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका घुमारवीं में बच्चो ने मनाया तुलसी पूजन दिवस

सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका घुमारवीं में तुलसी पूजन दिवस का आयोजन HimNews Today 25-12-2024 घुमारवीं स्थित सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका में बुधवार को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ तुलसी पूजन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पारंपरिक तरीके से तुलसी का पूजन किया और भारतीय संस्कृति के इस महत्वपूर्ण पक्ष को आत्मसात किया। विद्यालय की शिक्षको ने  तुलसी के महत्व और उसके औषधीय एवं धार्मिक गुणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में "मां तुलसी" के रूप में पूजनीय है। यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। कार्यक्रम में बच्चों को तुलसी से जुड़े कई रोचक तथ्य बताए गए। शिक्षकों ने तुलसी के औषधीय गुणों और पर्यावरण संरक्षण में इसके महत्व पर भी चर्चा की। बच्चों को तुलसी के पौधे घर में लगाने और उसकी देखभाल करने की प्रेरणा दी गई।

एम्स बिलासपुर ने महिला को दी नई जिंदगी: 30 साल पुराने बर्न कॉन्ट्रैक्चर से पीड़ित महिला की सफल सर्जरी #एम्स

घुमारवीं :- HimNews Today अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। यहां तीन दशकों से बर्न कॉन्ट्रैक्चर (जलन से त्वचा सिकुड़ने की गंभीर समस्या) से जूझ रही एक महिला का सफल ऑपरेशन किया गया। यह केवल चिकित्सीय उपलब्धि ही नहीं, बल्कि उस महिला के जीवन में आत्मविश्वास और सामाजिक पुनर्स्थापना का नया अध्याय है। जानकारी के अनुसार, पीड़िता की गर्दन पूरी तरह जकड़ी हुई थी, जिससे उसकी सामान्य दिनचर्या और सामाजिक जीवन दोनों प्रभावित थे। आर्थिक तंगी के चलते वह वर्षों तक इलाज नहीं करवा सकी। लेकिन एम्स बिलासपुर पहुंचने पर उसे आयुष्मान भारत और हिम केयर योजनाओं के तहत निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया गया। वही प्लास्टिक सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि  सर्जरी के दौरान कई तकनीकी चुनौतियां सामने आईं, लेकिन प्लास्टिक सर्जरी टीम और एनेस्थीसिया विभाग ने मिलकर सभी जोखिमों को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया। एम्स बिलासपुर के कुल सचिव डॉ. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान केवल आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं ही नहीं, बल्...

राष्ट्रीय एकता पर्व एवं कला उत्सव के अंतर्गत आयोजित विविध सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में केंद्रीय विद्यालय घुमारवीं के छात्रों ने हासिल किया प्रथम स्थान--

घुमारवीं/हिमन्यूज़ टुडे राष्ट्रीय एकता पर्व एवं कला उत्सव के अंतर्गत आयोजित विविध सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में केंद्रीय विद्यालय घुमारवीं के छात्रों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। मलयालम भाषा में रचित समूहगान, हिंदी समूहगान, क्लासिकल डांस और स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जो न केवल विद्यालय बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।  इस उपलब्धि की विशेषता यह है कि मंडी में आयोजित इस प्रतियोगिता में भाग लेने गए 19 विद्यार्थियों में से 17 छात्रों का चयन आगामी क्षेत्रीय प्रतियोगिता के लिए हो चुका है। विजयी विद्यार्थी एक और दो अक्टूबर को होने वाली क्षेत्रीय प्रतियोगिता में हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों के साथ मुकाबला करेंगे। यह उपलब्धि छात्रों की कड़ी मेहनत और शिक्षकों के निरंतर मार्गदर्शन का परिणाम है, जिसने उन्हें इस गौरवमयी स्थान तक पहुँचाया। विद्यालय की प्राचार्या रिंकू कुमारी ने सभी विद्यार्थियों को इस सफलता पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी हैं। उन्ह...