आज करोना महामारी के चलते देश प्रदेश में जहां जान बचाने के लिए मारा मारी हो रही है।सरकार हो चाहे स्वयं व्यक्ति जान कैसे बचे इसके लिए हर तरीके अपनाए जा रहे हैं।जहां एक तरफ लोग लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वहां कुछ ऐसे भी हैं।जो आपदा में भी अवसर ढूंढ रहे हैं।आज के इस भयंकर दौर में कुछ ऐसे भी पंचायत प्रतिनिधि हैं। जो स्वयं इस महामारी की चेन को तोड़ने के लिए अपने पंचायत के लोगों के लिए दिन रात एक किए हुए हैं।दूसरों पर निर्भर ना रहकर स्वयं पँचायत के प्रत्येक वार्ड को सैनिटाइजर कर रहे हैं।जिस के लिए स्वयं अपनी जेब से राशि खर्च कर सोडियम हैप्पौचलोराईट का छिड़काव कर लोगों की सुरक्षा कैसे हो पाए इसके लिए प्रयासरत हैं।ऐसा ही उदाहरण पेश कर रहे हैं ।अक्षय शर्मा जो ग्राम पंचायत निहाण के उपप्रधान है। जिन्होंने सबसे कम उम्र में उप प्रधान का चुनाव जीतकर जिला में नाम कमाया है ।हर समय लोगों की सेवा में लगे रहना ही आजकल इनकी दिनचर्या बनी हुई है। लोगो के संपर्क करने पर हर समय हाजिर होकर समस्या को दूर करने के लिए हर संभव प्रयासरत रहते हैं। नई पंचायत गठित होने के कारण अभी तक पंचायत के पास अपना फंड ना होने के कारण जो भी करोना महामारी रोकने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं। स्वयं अपनी जेब से राशि खर्च कर रहे हैं।स्थानीय प्रशासन स्थानीय विधायक भी इसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों की भरपूर सहायता कर रहे हैं ।अक्षय शर्मा ने बताया कि अभी तक पंचायत को दो बार सैनिटाइजर किया जा चुका है ।तथा लोगों में मास्क व अन्य सामग्री भी बांटी जा चुकी है। पंचायत में आए संक्रमित मरीजों के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।उन्होंने लोगों से आव्हान किया की
एम्स बिलासपुर ने महिला को दी नई जिंदगी: 30 साल पुराने बर्न कॉन्ट्रैक्चर से पीड़ित महिला की सफल सर्जरी #एम्स
घुमारवीं :- HimNews Today अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। यहां तीन दशकों से बर्न कॉन्ट्रैक्चर (जलन से त्वचा सिकुड़ने की गंभीर समस्या) से जूझ रही एक महिला का सफल ऑपरेशन किया गया। यह केवल चिकित्सीय उपलब्धि ही नहीं, बल्कि उस महिला के जीवन में आत्मविश्वास और सामाजिक पुनर्स्थापना का नया अध्याय है। जानकारी के अनुसार, पीड़िता की गर्दन पूरी तरह जकड़ी हुई थी, जिससे उसकी सामान्य दिनचर्या और सामाजिक जीवन दोनों प्रभावित थे। आर्थिक तंगी के चलते वह वर्षों तक इलाज नहीं करवा सकी। लेकिन एम्स बिलासपुर पहुंचने पर उसे आयुष्मान भारत और हिम केयर योजनाओं के तहत निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया गया। वही प्लास्टिक सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि सर्जरी के दौरान कई तकनीकी चुनौतियां सामने आईं, लेकिन प्लास्टिक सर्जरी टीम और एनेस्थीसिया विभाग ने मिलकर सभी जोखिमों को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया। एम्स बिलासपुर के कुल सचिव डॉ. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान केवल आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं ही नहीं, बल्...
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