आज आजाद हिंद क्रांतिकारी पार्टी (ए .एच .के .पी.) के राष्टीय उपाध्यक्ष एंव प्रवक्ता मनोहर शर्मा ने वर्तमान व पूर्व सरकार के मंत्रियों को बेसहारा गो माता के संरक्षण के लिए कोई ठोस कार्य न करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में गाय माता के साथ हो रहे अत्याचार व अन्याय से देवभूमी का हर नागरिक आज शर्मिंदा है ।बेसहारा गो वंश आज सड़कों पर घुम रही है ।जो कि आए दिन किसी ना किसी हादसे को न्यौता देती रहती हैं।ओर स्वयं भी दुर्घटना का शिकार होकर जख्मी होती है।लेकिन एक सुध लेने वाला कोई नही है। यह प्रदेश के हर नागरिक के लिए एक चिंता का विषय बनता जा रहा है । सरकार बताए कि गो माता के संरक्षण के लिए आज तक जनता द्वारा कितना फंड आया और कितना सरकार की तरफ से रिलीज हुआ।साथ मे कहाँ उस फंड का इस्तेमाल हुआ । साथ ही मनोहर शर्मा ने सरकार से अनुरोध किया कि गो माता का संरक्षण कर गाऊ माता को राज्य पशु घोषित किया जाना अनिवार्य है।गाय माता के संरक्षण के लिए आज तक किसी सरकार ने कोई निति नहीं बनाई ।जब हिमाचल प्रदेश को पुरी दुनिया देवभूमी के नाम से जानती है ।तो माता कहलाने वाली गाय माता के साथ हो रहे अन्याय को रोकने के लिए निष्ठापूर्वक सरकारों ने आज तक नियम क्यों नहीं बनाये । पार्टी के उपाध्यक्ष मनोहर शर्मा ने कहा कि आगामी चुनावों में आजाद हिंद क्रांतिकारी पार्टी को हिमाचल की जनता का समर्थन मिलते ही गौ माता के संरक्षण के साथ गौ माता को राज्य पशु घोषित किया जाएगा।और हर तहसील में गऊशाला खोली जाएगी । गऊशाला में कर्मचारी सरकारी स्तर पर रखें जाएंगे। साथ में उन कर्मचारियों को पेंशन भोगी बनाया जाएगा । जिससे प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा व प्रदेश की इनकम बढ़ेगी जिससे बेरोजगारी की समस्या दूर होगी । शर्मा ने कहा कि सरकारें यदि प्रदेश के हित में समय समय पर सही नीतियाँ बनाती रहती तो ना प्रदेश कर्ज में डूबता ना बेरोजगारी व महंगाई बढ़ती ।
सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका घुमारवीं में तुलसी पूजन दिवस का आयोजन HimNews Today 25-12-2024 घुमारवीं स्थित सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका में बुधवार को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ तुलसी पूजन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पारंपरिक तरीके से तुलसी का पूजन किया और भारतीय संस्कृति के इस महत्वपूर्ण पक्ष को आत्मसात किया। विद्यालय की शिक्षको ने तुलसी के महत्व और उसके औषधीय एवं धार्मिक गुणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में "मां तुलसी" के रूप में पूजनीय है। यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। कार्यक्रम में बच्चों को तुलसी से जुड़े कई रोचक तथ्य बताए गए। शिक्षकों ने तुलसी के औषधीय गुणों और पर्यावरण संरक्षण में इसके महत्व पर भी चर्चा की। बच्चों को तुलसी के पौधे घर में लगाने और उसकी देखभाल करने की प्रेरणा दी गई।
Comments