Skip to main content

हिमाचल प्रदेश राज्य विधुत परिषद सेवानिवृत सर्व कर्मचारी संघ बिलासपुर इकाई के चुनाव घुमारवीं में सम्पन्न

घुमारवीं
Thenewswave24

हिमाचल प्रदेश राज्य विधुत परिषद सेवानिवृत सर्व कर्मचारी संघ बिलासपुर इकाई का जनरल हाउस मिलन पैलेस घुमारवीं में राज्य महासचिव होशियार सिंह चंदेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को सम्पन्न हुए।बैठक में मंच का संचालन वी एम दुरानी जिला सचिव ने किया।हाउस में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे।उसके पश्चात नई कार्यकारणी का निर्माण किया गया।

नई कार्यकारणी में तिलक राज शर्मा प्रधान,  जोगिंदर सिंह को सीनियर उपप्रधान,  वासुदेव, रमेश शर्मा, रोशन लाल, वृज लाल, श्याम लाल, प्रेम ठाकुर, संतराम को उपप्रधान, जिला सचिव, वशीर दुरानी ,अतिरिक्त सचिव मीरा ठाकुर,   निसार मिर्जा व  ओमप्रकाश को सहसचिव , पी सी संख्यान वित्त सचिव , बालक राम को प्रेम सचिव , रवेल राणा को ऑडिटर, अमीचंद ठाकुर को मुख्य सलाहकार,  कृष्ण लाल, मस्त राम, जे एन शर्मा, रमेश चंद को  सलाहकार, बालकृष्ण, भाग सिंह, मदन लाल, राजेन्द्र सिंह रोशन लाल को संगठन सचिव बनाया गया।नई कार्यकारणी तीन वर्ष के लिए चुनी गई है।राज्य महासचिव होशियार सिंह चंदेल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने चुनावो के वक्त ओल्ड पेंशन बहाली के वादा किया था।लेकिन अभी भी बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल नही की गई है।अगर सरकार ने बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को शीघ्र यह सुविधा नही दी तो कर्मचारी संघ कभी भी संघर्ष कर सकता है।
वही कार्यकारणी में नवनिर्वाचित प्रधान तिलक राज शर्मा ने उन्हें चुनने के लिए धन्यबाद किया।और सभी को विश्वास दिलाया कि वह अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करेंगे।

Comments

Popular posts from this blog

एम्स बिलासपुर ने महिला को दी नई जिंदगी: 30 साल पुराने बर्न कॉन्ट्रैक्चर से पीड़ित महिला की सफल सर्जरी #एम्स

घुमारवीं :- HimNews Today अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। यहां तीन दशकों से बर्न कॉन्ट्रैक्चर (जलन से त्वचा सिकुड़ने की गंभीर समस्या) से जूझ रही एक महिला का सफल ऑपरेशन किया गया। यह केवल चिकित्सीय उपलब्धि ही नहीं, बल्कि उस महिला के जीवन में आत्मविश्वास और सामाजिक पुनर्स्थापना का नया अध्याय है। जानकारी के अनुसार, पीड़िता की गर्दन पूरी तरह जकड़ी हुई थी, जिससे उसकी सामान्य दिनचर्या और सामाजिक जीवन दोनों प्रभावित थे। आर्थिक तंगी के चलते वह वर्षों तक इलाज नहीं करवा सकी। लेकिन एम्स बिलासपुर पहुंचने पर उसे आयुष्मान भारत और हिम केयर योजनाओं के तहत निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया गया। वही प्लास्टिक सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि  सर्जरी के दौरान कई तकनीकी चुनौतियां सामने आईं, लेकिन प्लास्टिक सर्जरी टीम और एनेस्थीसिया विभाग ने मिलकर सभी जोखिमों को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया। एम्स बिलासपुर के कुल सचिव डॉ. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान केवल आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं ही नहीं, बल्...

छठ पूजा : प्रकृति, सूर्य और आस्था :--- जाने आखिर क्या है छठ पर्व----

छठ पूजा : प्रकृति, सूर्य और आस्था का महान पर्व छठ पूजा भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है, जो सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है। यह पर्व मुख्यतः बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। धीरे-धीरे यह पर्व देश के अन्य हिस्सों में भी लोकप्रिय हो गया है। छठ पूजा सूर्य उपासना और जल व प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक मानी जाती है। छठ पूजा का महत्व छठ पूजा का संबंध सूर्य देव और छठी मैया से है। सूर्य देव को ऊर्जा, स्वास्थ्य और जीवन का आधार माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि छठी मैया (उषा और प्रत्यूषा — सूर्य की दोनों पत्नियाँ) की उपासना से संतान सुख, स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार की रक्षा होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह पर्व महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें सूर्य की सीधी उपासना की जाती है, जिससे शरीर को विटामिन डी प्राप्त होता है और मानसिक शांति मिलती है। छठ पूजा का उल्लेख महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। कहा जाता है कि जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तब माता सीता ने सूर्य देव की उपासना ...

सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका घुमारवीं में बच्चो ने मनाया तुलसी पूजन दिवस

सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका घुमारवीं में तुलसी पूजन दिवस का आयोजन HimNews Today 25-12-2024 घुमारवीं स्थित सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका में बुधवार को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ तुलसी पूजन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पारंपरिक तरीके से तुलसी का पूजन किया और भारतीय संस्कृति के इस महत्वपूर्ण पक्ष को आत्मसात किया। विद्यालय की शिक्षको ने  तुलसी के महत्व और उसके औषधीय एवं धार्मिक गुणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में "मां तुलसी" के रूप में पूजनीय है। यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। कार्यक्रम में बच्चों को तुलसी से जुड़े कई रोचक तथ्य बताए गए। शिक्षकों ने तुलसी के औषधीय गुणों और पर्यावरण संरक्षण में इसके महत्व पर भी चर्चा की। बच्चों को तुलसी के पौधे घर में लगाने और उसकी देखभाल करने की प्रेरणा दी गई।