Skip to main content

-जनसंपर्क अभियान में बोले भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गर्ग, कहा, विकास की बयार से उखड़े विरोधियों के पांव

82 करोड़ से दधोल-लदरौर सड़क का किया कायाकल्प

-19 सड़कों को किया अपग्रेड, 200 लिंक रोड निकाले                


घुमारवीं
केंद्र व प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार के चलते घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में बही विकास की बयार चुनाव में विरोधियों के पांव उखाड़ने में अहम भूमिका निभा रही है। चाहे 82 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड की गई दधोल-लदरौर सड़क समेत अन्य सड़कों की बात हो या पानी, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं की, हर क्षेत्र में रिकाॅर्ड काम हुआ है। जनसंपर्क अभियान के दौरान भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गर्ग भी क्षेत्र के विकास का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। जगह-जगह मिल रहे भरपूर प्यार और समर्थन से जाहिर है कि लोग उनके कार्यों से पूरी तरह संतुष्ट हैं। इसी बात ने विरोधियों की नींद उड़ा दी है।
रविवार को राजेंद्र गर्ग ने अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत दधोलखुर्द से की। दधोलकलां, डोहरू, जसवानी, पडयालग, बाड़ी, छजोली, भकड़वान व पट्टा मलोहतर के बाद दिन का अंतिम चुनावी कार्यक्रम गुग्गा चैपाल में संपन्न हुआ। चुनावी सभाओं में गर्ग ने कहा कि 2017 में क्षेत्र की जनता ने उन्हें जिन उम्मीदों के साथ अपना प्रतिनिधि चुना था, उन पर खरा उतरने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। सड़कें किसी भी क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। इसके मद्देनजर सड़कों का नेटवर्क मजबूत किया गया। दधोल-लदरौर सड़क 82 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड की गई। इसी तरह 19 अन्य सड़कों को अपग्रेड करने के साथ ही अधिक से अधिक गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए लगभग 200 लिंक रोड भी बनाए गए।
गर्ग ने कहा कि विकास कार्यों को सिरे चढ़ाने के साथ ही जनसमस्याओं का समाधान भी शुरू से ही उनकी प्राथमिकता रहा है। भराड़ी में तहसील बनाने से क्षेत्र के 50 हजार से अधिक लोगों को फायदा हुआ है। इसी तरह लंबे समय से चली आ रही डिमांड को पूरा करते हुए घंडालवीं मंे डिग्री काॅलेज खोला गया। यह सभी काम डबल इंजन सरकार की बदौलत ही संभव हो पाए हैं। हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्य में विकास की गाड़ी पहाड़ों पर चढ़ाने के लिए भविष्य में भी डबल इंजन बेहद जरूरी है। चुनाव प्रचार के दौरान मिल रहे अभूतपूर्व सहयोग व समर्थन से साफ हो गया है कि इस बार हिमाचल में भी रिवाज बदलने जा रहा है। अपने स्वार्थ पूरे करने के लिए एक मौका मांगने वालों की नीयत में खोट को लोग बखूबी समझ चुके हैं। क्षेत्र की जनता ऐसे मौकापरस्तों के झांसे में आने वाली नहीं है।

Comments

Popular posts from this blog

एम्स बिलासपुर ने महिला को दी नई जिंदगी: 30 साल पुराने बर्न कॉन्ट्रैक्चर से पीड़ित महिला की सफल सर्जरी #एम्स

घुमारवीं :- HimNews Today अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। यहां तीन दशकों से बर्न कॉन्ट्रैक्चर (जलन से त्वचा सिकुड़ने की गंभीर समस्या) से जूझ रही एक महिला का सफल ऑपरेशन किया गया। यह केवल चिकित्सीय उपलब्धि ही नहीं, बल्कि उस महिला के जीवन में आत्मविश्वास और सामाजिक पुनर्स्थापना का नया अध्याय है। जानकारी के अनुसार, पीड़िता की गर्दन पूरी तरह जकड़ी हुई थी, जिससे उसकी सामान्य दिनचर्या और सामाजिक जीवन दोनों प्रभावित थे। आर्थिक तंगी के चलते वह वर्षों तक इलाज नहीं करवा सकी। लेकिन एम्स बिलासपुर पहुंचने पर उसे आयुष्मान भारत और हिम केयर योजनाओं के तहत निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया गया। वही प्लास्टिक सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि  सर्जरी के दौरान कई तकनीकी चुनौतियां सामने आईं, लेकिन प्लास्टिक सर्जरी टीम और एनेस्थीसिया विभाग ने मिलकर सभी जोखिमों को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया। एम्स बिलासपुर के कुल सचिव डॉ. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान केवल आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं ही नहीं, बल्...

छठ पूजा : प्रकृति, सूर्य और आस्था :--- जाने आखिर क्या है छठ पर्व----

छठ पूजा : प्रकृति, सूर्य और आस्था का महान पर्व छठ पूजा भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है, जो सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है। यह पर्व मुख्यतः बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। धीरे-धीरे यह पर्व देश के अन्य हिस्सों में भी लोकप्रिय हो गया है। छठ पूजा सूर्य उपासना और जल व प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक मानी जाती है। छठ पूजा का महत्व छठ पूजा का संबंध सूर्य देव और छठी मैया से है। सूर्य देव को ऊर्जा, स्वास्थ्य और जीवन का आधार माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि छठी मैया (उषा और प्रत्यूषा — सूर्य की दोनों पत्नियाँ) की उपासना से संतान सुख, स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार की रक्षा होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह पर्व महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें सूर्य की सीधी उपासना की जाती है, जिससे शरीर को विटामिन डी प्राप्त होता है और मानसिक शांति मिलती है। छठ पूजा का उल्लेख महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। कहा जाता है कि जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तब माता सीता ने सूर्य देव की उपासना ...

सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका घुमारवीं में बच्चो ने मनाया तुलसी पूजन दिवस

सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका घुमारवीं में तुलसी पूजन दिवस का आयोजन HimNews Today 25-12-2024 घुमारवीं स्थित सरस्वती विद्या मंदिर बाल वाटिका में बुधवार को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ तुलसी पूजन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पारंपरिक तरीके से तुलसी का पूजन किया और भारतीय संस्कृति के इस महत्वपूर्ण पक्ष को आत्मसात किया। विद्यालय की शिक्षको ने  तुलसी के महत्व और उसके औषधीय एवं धार्मिक गुणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति में "मां तुलसी" के रूप में पूजनीय है। यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। कार्यक्रम में बच्चों को तुलसी से जुड़े कई रोचक तथ्य बताए गए। शिक्षकों ने तुलसी के औषधीय गुणों और पर्यावरण संरक्षण में इसके महत्व पर भी चर्चा की। बच्चों को तुलसी के पौधे घर में लगाने और उसकी देखभाल करने की प्रेरणा दी गई।