पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेश धर्माणी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लाल बहादुर शास्त्री गवर्नमेंट मेडिकल कालेज व अस्पताल एवं कोविड सेंटर नेरचौक में तय सीमा से ज्यादा मरीजों भर्ती होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई पर पड़ रहा है। इसका गंभीर असर उन मरीजों पर पड़ रहा है।जिनकी हालत नाजुक होने की वजह से उन्हें ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है। ऐसे हालात में क्रिटिकल केयर वाले कई मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ मृतकों के परिवार जन भी ऐसे आरोप लगा रहे हैं। कि उनके मृतक परिवारिक सदस्य को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाई ।
इस बाबत कालेज प्रिसिपल ने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के हवाले से स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर अवगत करवाया है।जिसमें उन्होंने अधिक मरीजों को दाखिला न दे पाने में असमर्थता दिखाई है। इस पत्र में कालेज प्रिंसिपल डॉ आर सी ठाकुर के मुताबिक स्वास्थ्य सचिव से कहा है उन्होंने आस-पास के जिला चिकित्सा अधिकारियों से अनुरोध किया है कि जब तक निर्माणाधीन ऑक्सीजन मेनिफोल्ड बन कर तैयार नहीं हो जाता तब तक ओर मरीज न भेजे जाए।क्योंकि पहले से भर्ती मरीजों को भी ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं दे पा रहे हैं। । पत्र के मुताबिक वर्तमान ऑक्सीजन मेनिफोल्ड अधिकतम 2500 लिटर पर मिनट के हिसाब से ऑक्सीजन बनाता है।जबकि दाखिल मरीजों की मांग 2200 से 3000 एलपीएम की है।
वही एनेस्थेसिया विभागाध्यक्ष डॉ जीवानंद द्वारा एक चैनल में दिए इंटरव्यू के मुताबिक भर्ती किए गए मरीजों की यह जरूरत व मांग 3000-4000 एलपीएम है। ऑक्सीजन मेनिफोल्ड की क्षमता अधिकतम 160 मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान करने की है जिसे वर्तमान में भर्ती हुए 210 मरीजों में बांटा जा रहा है। इनमें 30 आई सी यू बेड हैं। जिन्हें 40-60 एलपीेएम ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत रहती है। ऐसे में प्रति मरीज को ऑक्सीजन की सप्लाई कम मिल रही है। कई मृतकों के परिवारजन भी ऑक्सीजन की सही सप्लाई न मिलने का आरोप लगा रहे हैं।उन्होंने सरकार से इस समस्या के जल्द से जल्द समाधान की मांग की है।ताकि मरीजो के स्वस्थ्य से खिलवाड़ न हो।
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