जिला बिलासपुर में आजकल खाद्य आपूर्ति विभाग के द्वारा सब्जियों के मनमाने रेट लेने के लिए दुकानदारों पर करवाई की जा रही है।बाकायदा इसके लिए विभाग ने रेट लिस्ट भी जारी करनी शुरू कर दी है।लेकिन दुकानदारों की माने तो विभाग जिस रेट लिस्ट को जारी करता है।उसके दाम की अपेक्षा मंडियों की गाड़ियों से सब्जियां खरीदते के दाम अधिक होते है।उनमें मुनाफा न के बराबर है।छोटे सब्जी विक्रेताओं ओमकार, हरदेव, बलदेव, सोनू, रिंकू का कहना है कि सभी दुकानदार सीधे मंडियों से सब्जी नही खरीद सकते।उन्हें सुबह मंडियों से आने वाली गाड़ियों से सब्जियां खरीदनी पड़ती है।जिस रेट के हिसाब गाड़ियों वाले सब्जियां देते है।उस हिसाब से विभाग के रेट पर सब्जी बेचना घाटे का सौदा है।
दुकानदारों ने बताया कि वीरवार को विभाग ने शिमला मिर्च के रेट 19 रुपये निर्धारित किये है।जबकि शिमला मिर्च थोक में 16-18 रुपये थी।वही 50 किलो आलू का रेट 600 रुपये व्यपारियो को मिलता है।जबकि विभाग ने 13 रुपये प्रति किलो का रेट बताया।हरा तरबूज 20 रुपये थोक में मिलता है।जबकि विभाग की लिस्ट के हिसाब से 14 रुपये बेचना है।अगर इस रेट पर सब्जी बेचनी पड़ेगी तो विभाग स्वयं दुकानदारों तक सही रेट के सब्जियां पहुचाने का प्रबंध भी करे।
उन्होंने विभाग से मांग की है कि छोटे दुकानदारों पर करवाई करने के बजाय मंडियों से मिलने वाले माल के रेट तय किये जायें।उन पर करवाई हो।दुकानदारों को निशाना बना कर चालान न किये जायें।
जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता अधिकारी बिलासपुर विजेंदर पठानिया ने बताया कि सब्जी विक्रेताओं को इस तरह की समस्याएं आ रही है ।तो उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा।जल्द ही मंडियों से सब्जियां बेचने वालों के लिए भी रेट तय किये जायेंगे।अगर वह ज्यादा रेट पर दुकानदारों को सब्जियां बेचते है तो उनके खिलाफ भी करवाई की जाएगी।
Comments